सीएम प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का दो हजार करोड़ का साम्राज्य

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची : इन दिनों झारखंड में लूट मचा हुआ है! इस लूट को अंजाम देने में हेमंत सोरेन की दो सलाहकार लगे हुए इसमें पहला नाम अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू ,मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार तथा दूसरा हेमंत सोरेन का विधायक प्रतिनिधि मनोज मिश्रा है ,जिनकी तूती पूरे संथाल परगना में सुनी जाती है, खासकर संथाल परगना के साहिबगंज ,पाकुड़ और दुमका का कुछ हिस्सा है इसमें पंकज मिश्रा का अधिकारी का स्थानांतरण, ठेकेदारी और रंगदारी यानी जितने भी गलत कार्य इन जिलों में होता है उसमें पंकज मिश्रा का 10 से 20% का हिस्सा रहता है सूत्रों का कहना है कि इन कार्यों में पंकज मिश्रा को करीब दो हजार करोड़ रुपये की वसूली कर चुके हैं।
ऐसे इनके अनंत कथा है जो कि समय-समय पर पाठकों के बीच अवगत होते रहेंगे : इस क्रम में पिछले दिनों ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साहिबगंज स्थित प्रतिनिधि पंकज मिश्र और उनके करीबियों के लगभग एक दर्जन ठिकानों पर शुक्रवार सुबह छापेमारी की। रांची, साहिबगंज, राजमहल और बरहेट में ईडी की अलग-अलग टीमों ने सुबह पांच बजे से एक साथ दबिश दी। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई राज्य में खनन घोटाले और मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में की गई। खबर है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को ईडी ने हिरासत में ले लिया है और इसकी वजह से हेमंत सोरेन के लिए भी परेशानी खड़ी हो सकती है। खबरों की माने तो साहिबगंज में ईडी ने दो करोड़ नकदी बरामद किया। बताया जा रहा है कि पत्थर कारोबारी हीरा भगत के घर से दो करोड़ कैश बरामद हुआ है। हालांकि इस बात पुष्टि नहीं हुई है। राज्य में ईडी की अवैध पत्थर उत्खनन मामले में अबतक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। सूत्रों ने बताया कि इस मामले की छापेमारी के लिए करीब 116 पदाधिकारी को लगाया गया था। छापेमारी के लिए दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, रांची समेत कई जगहों के ईडी के करीब 32 वरीय पदाधिकारियों को लगाया गया था। छापेमारी में ईडी की कुल 48 टीम लगी थी। साहिबगंज के पांच ,बरहड़वा के चार, मिर्जाचौकी के तीन ,राजमहल व बरहेट में एक-एक व्यक्ति के यहां छापेमारी की गयी है। हालांकि पूरी कार्रवाई इतने गोपनीय ढंग से हुई कि किसी को भनक तक नहीं लग सकी। सूत्रों का कहना है कि छापेमारी से पहले ईडी के पदाधिकारी यहां दो बार सर्वे कर गए थे। अंतिम बार 18 जून को ईडी के तीन पदाधिकारी यहां सर्वे के लिए पहुंचे थे। दिनभर घूमकर फेरी घाट समेत कई पत्थर खदान आदि का सर्वे कर उसी दिन लौट गए थे। बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन विधानसभा में साहिबगंज जिले के बरहेट विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस क्षेत्र के लिए उन्होंने पंकज मिश्र को अपना प्रतिनिधि बना रखा है। ईडी ने पंकज मिश्र के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंकज मिश्रा पर पहले ही केस दर्ज किया है। पंकज मिश्रा के रांची और साहिबगंज स्थित ठिकानों के साथ-साथ उनके करीबी साहिबगंज के मिर्जाचौकी स्थित कारोबारी राजू, पतरु सिंह और ट्विंकल भगत, साहिबगंज में फेरी सेवा जहाज के संचालक राजेश यादव उर्फ दाहू यादव, बड़हरवा में पत्थर व्यवसायी कृष्णा सहित तीन लोगों के घरों के अलावा कुछ होटलों में भी ईडी की टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं। बता दें कि मई में झारखंड में मनी लॉन्ड्रिंग केस में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। छापेमारी के बाद कई दस्तावेजों और करोड़ों की नकदी बरामदगी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। पूजा सिंघल खान सचिव के पद पर तैनात थीं और उनसे राज्य में खनन पट्टों के आवंटन में हुई गड़बड़ियों और विभिन्न जिलों में अवैध खनन को लेकर पूछताछ हुई थी। इस मामले में कई बार सीएम के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का नाम सामने आया था। उन्हें भी खनन पट्टा आवंटित किया गया है झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र से साहेबगंज से अचानक चर्चा में आए विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के खिलाफ ईडी की टीम ने शुक्रवार को छापेमार कार्रवाई की। ईडी की टीम ने उनके और उनके सहयोगियों के साहेबगंज, बरहरवा और मिर्जाचौकी में बिहार और बंगाल से बुलाई गई सीआरपीएफ के जवानों के साथ दर्जनभर से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर 4.50 करोड़ नगद समेत 500 एकड़ की ज़मीन और करोड़ों की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं। इस बीच पंकज मिश्रा को उत्तराखंड से हिरासत में लेकर ईडी की टीम दिल्ली पहुंच गई है।
आइए जानते हैं- कैसे चर्चा में आए पंकज मिश्रा : पंकज मिश्रा साहेबगंज के बड़े पत्थर कारोबारी के साथ ही मुख्यमंत्री के काफी करीबी होने के साथ ही उनके विधायक प्रतिनिधि हैं। बरहरवा, मिर्जाचौकी समेत जिले के तमाम इलाकों में पत्थर कारोबार का नेटवर्क इनके संरक्षण में चलता है। इसके साथ ही इनकी छवि दबंग वाली है। पूजा सिंघल प्रकरण की जांच के बीच अचानक पंकज मिश्रा का नाम डीटीओ से पूछताछ के दौरान सुर्खियों में आया। इसके बाद ईडी ने पंकज के खिलाफ अपनी नज़र तिरछी कर ली। पंकज मिश्रा चार-चार अंगरक्षक के साथ चलते हैं, साथ ही मिश्रा पर कारोबारियों को धमकाना, कोयला, बालू, और पत्थर का अवैध कारोबार का भी आरोप है। हालिया दिनों में सरकार में मंत्री आलमगीर आलम और एक कारोबारी के बीच टोल प्लाजा के टेंडर को छोड़ने लेकर हुई बातचीत के बीच पंकज का भी ऑडियो सामने आया था। इसके अलावा , लोबिन हेम्ब्रम ने भी पत्थर लदे ट्रक को गैरकानूनी तरीके से पास करवाने के मामले में सीएम से शिकायत की थी। बताया जा रहा है कि, पंकज मिश्र को लेकर एक कारोबारी और पुलिस अधिकारी के बीच का एक और ऑडियो वाइरल हुआ था, जिसमें, पुलिस अफसर की पोस्टिंग के लिए पंकज मिश्रा को पांच लाख देने की बात कही गई थी। बता दें कि, हेमंत सोरेन के सीएम बनते ही अचानक चर्चा में आये पंकज मिश्रा का नाम रांची की रहने वाली साहेबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की हत्या मामले में भी चर्चा में आया। इस विवाद ने इतना तूल पकड़ा की, मामले की सीबीआई जांच की मांग होने लगी। इस मामले में भी एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें एक आरोपी पुलिस पुलिस अधिकारी कहते हुए पाई गई कि, रूपा तिर्की पंकज मिश्रा के कहने पर ही काम करती है। इसके बाद रूपा तिर्की की हत्या और पंकज की संपत्ति की जांच को लेकर भी हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया में चर्चित और सीएम के खास कहे जाने वाले पंकज मिश्रा ने गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और भाजपा विधयक दल के नेता बाबूलाल मरांडी से से जान का खतरा बताते हुए कहा था कि, दुबे जी का केंद्र में बहुत पकड़ है। उन्होंने कहा है कि, राज्य में आपकी सरकार है तो क्या हुआ, दिल्ली में तो हमलोगों की सरकार है। हालांकि, पंकज मिश्रा के इस बयान को न तो निशिकांत दुबे ने और न ही बाबूलाल मरांडी ने ही तवज्जो दिया। इतना ही नहीं, इस प्रकरण के बाद पंकज ने बयान दिया था कि, वह राज्य सरकार और पुलिस प्रसाशन को बताना चाहते हैं कि, निशिकांत दुबे, बाबूलाल मरांडी और सुनील तिवारी हाथ धोकर मेरे पीछे पड़े हैं, संथाल में मेरी लोकप्रियता को देखते हुए झूठे मुकदमे में फंसा सकते हैं या मेरी हत्या करा सकते हैं। बहरहाल, पंकज मिश्रा को लेकर साहेबगंज से लेकर राज्य की सत्ता के गलियारों तक मे चर्चाओं का बाजार हमेशा से गर्म रहा है। फिलहाल, की कार्रवाई और हिरासत में लिए जाने के बाद पूछताछ में कुछ और खुलासे की उम्मीद जताई जा रही है। आईएएस पूजा सिंघल प्रकरण में भी कई बार पंकज मिश्रा का नाम सामने आया है। 11 मई को झारखंड में मनी लॉन्ड्रिंग केस में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को ईडी ने गिरफ्तार किया था। पूजा सिंघल फिलहाल सलाखों के पीछे हैं। पिछली दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र में विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के खनन पट्टा पर साहिबगंज एसडीओ का पता दर्ज है। इसे लेकर बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ) समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने सीएम पर निशाना साधा है। बताया गया कि मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को साहिबगंज जिला प्रशासन की तरफ से एक पत्थर खदान का लाइसेंस दिया गया। यह लाइसेंस उन्हें 15 मार्च 2021 को जारी किया गया। इस पट्टे में पंकज मिश्रा की ओर से जो पता दिया गया है, उसमें लिखा है- सर्वश्री महाकाल स्टोन वक्र्स, पंकज मिश्रा, पिता लक्ष्मीकांत मिश्रा, पता- एसडीओ कोठी, सकरूगढ़ और जिला साहिबगंज। इसमें विवाद वाली बात यह है कि नाम तो पट्टे पर पंकज मिश्रा का लिखा हुआ है, लेकिन पता एसडीओ कोठी का है। इस पट्टे की कॉपी मीडिया में वायरल होने के बाद बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और सांसद निशिकांत दूबे समेत दिग्गज नेताओं ने निशाना साधा है। बाबूलाल मरांडी ने इस पर टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘मुख्यमंत्री जी, अपने इन चमचों का दुस्साहस देखिये। आपने भी चोरी छिपे पत्थर खदान लिया, तो शर्म से ही सही कांके रोड मुख्यमंत्री आवास का पता के बदले हरमू रोड का पता डाला, जहां आप रहते ही नहीं हैं। लेकिन चोरी और सीनाजोरी करते हुए साहिबगंज एसडीओ आवास को अपना पता बताकर माइंस ले रहे हैं। वहीं बीजेपी के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘साहिबगंज का एसडीओ कोठी सरकारी है या आपने हेमंत सोरेन जी ने खरीद लिया है? या सरकारी आदमी के साथ मिलकर आपके चमचों को व्यापार करने की विशेष छूट भारत के संविधान ने दी है। दूसरी तरफ गहन छानबीन और स्थानीय जानकारों से संपर्क करने पर यह बात भी सामने आई है कि पंकज मिश्रा के खनन पट्टे पर जिस एसडीओ कोठी का जिक्र है, वह साहिबगंज के एसडीओ का आवास नहीं, बल्कि एसडीओ कोठी नामक एक क्षेत्र है, उस इलाके में जो लोग रहते हैं, वे अपने पते में एसडीओ कोठी लिखते हैं। संभवत: इसी कारण पंकज मिश्रा ने अपने पते पर एसडीओ कोठी का जिक्र किया है। यह भी बताया जा रहा कि राजधानी रांची के मेन रोड में भी ओसीसी (ओल्ड कमिश्नर कम्पाउंड) नाम से एक एरिया प्रसिद्ध है। इस एरिया में रहने वाले लोग के पते पर भी ओसीसी कंपाउट लिखा जाता है, इसका मतलब यह नहीं है कि उस इलाके में रहने वाले सभी लोग कमिश्नर के घर में रहते हैं।

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